गडचिरोली,ता.६: धनगर जनजाति को वास्तविक आदिवासीयों की सूची में शामिल न किया जाए, इस प्रमुख मांग को लेकर अन्य १३ मांगो के लिये आदिवासी(Adiwasi) आरक्षण बचाव संघर्ष समिति की ओर से आज कलोक्टोरेट(collectorate) पर विशाल मोर्चा निकाला गया. जिले के विभिन्न इलाकोंसे लगभग १५ हजार से अधिक लोग इस मोर्चे में शामिल हुये.
शिवाजी महाविद्यालय के प्रांगण से मोर्चे की शुरुआत हुई. मोर्चे में शामिल लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रमुख मार्ग से कलेक्टोरेट पर दस्तक दी. वहाँ आरक्षण बचाव कृती समिती की अध्यक्ष पुष्पलता कुमरे,फरेंद्र कुतीरकर,आनंदराव गेडाम,सोनल कोवे,माधुरी मडावी, सैनू गोटा, एड.लालसू नोगोटी, जयश्री वेळदा,विधायक.डॉ.देवराव होली, डा.आशिष कोरेटी, रामदास मसराम, भाग्यश्री आत्राम, भरत येरमे, वसंत कुलसंगे, प्रियदर्शन मडावी, एन. झेड.कुमरे इन्होंने सभा को संबोधित किया. सभा का संचालन अमरसिंह गेडाम ने किया. गुलाब मडावीने आभार माना.
नेताओंने कहाँ कि, संविधान में अनुसूचित जनजाति(scheduled tribes) की सूची में धनगरों का कहीं उल्लेख नहीं है. बॉम्बे हायकोर्ट और उच्चतम न्यायालय ने भी धनगर अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं होने का फैसला दिया है. इसीलिए धनगरों को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण न दें, धनगर समाज आदिवासी है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिये गठित की गई टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल सायन्सेस(TISS) की समिति की रिपोर्ट विधानमंडल को सौंपी जाए, अनुसूचित जनजाति के नागरिकों को वन अधिकार और सातबारा दिया जाये, पेसा एक्ट के तहत रुके हुए पदों की अविलंब नियुक्ती की जाए, डीएड, बीएड. अर्हताधारक उम्मीदवारों को टीईटी और सीईटी से छूट दी जाए इत्यादि मांगे भी की कई.
इस मोर्चा में ऑल इंडिया आदिवासी एम्प्लॉईज फेडरेशन, कै.बाबूराव मडावी स्मारक समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, राष्ट्रीय आदिवासी युवा परिषद, नारीशक्ती संगठन, आदिवासी हलबा/हलबी समाज महासंघ, आदिवासी गोंड गोवारी समाज संगठन सहित ३० से अधिक संगठन शामिल हुए थे.