दिल्ली की सीमा तक पहुंचा गढ़चिरौली का नक्सली आंदोलन

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गढ़चिरौली, दि.19: वैसे तो गढ़चिरौली जिला पूरे महाराष्ट्र में नक्सल संवेदनशील राज्य के रूप में जाना जाता है; हालांकि, नक्सली दंपत्ति के आत्मसमर्पण से पता चला है कि आंदोलन देश की राजधानी दिल्ली की सीमा तक पहुंच गया है.

राजाराम कुमार उर्फ ​​अनिल उर्फ ​​गगनदीप उर्फ ​​निशांत उर्फ ​​सुशांत (37) और अंजू सुल्या जाले उर्फ ​​सोनिया उर्फ ​​जेनिता (28) ने आज गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. असिन हरियाणा राज्य के जींद जिले के मांडीकला का रहने वाला हैं, जबकि अंजू जाले गढ़चिरौली जिले के धानोरा तहसील के गुरेकसा की रहने वाली हैं.

असिन राजाराम कुमार को अपने स्कूल के दिनों में ‘बालदस्ता’ संगठन में विशेष रुचि थी. जब वह हरियाणा के जींद में रह रहा था, तब उसने जागृत छात्र मोर्चा की राज्य समिति के सदस्य के रूप में उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो के लिए काम किया. 2006 में, असिन को छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सली गढ़ अबुज़माड क्षेत्र के प्रेस टीम में भर्ती किया गया था. 2011 में उसे प्रेस टीम से कंपनी नंबर 10 में स्थानांतरित कर दिया गया और 2013 तक वह वहां एसीएम के रूप में काम कर रहा था..उसी वर्ष उसे ओडिशा प्रेस टीम में स्थानांतरित कर दिया गया. वह 2013 में ओडिशा के उदंती और 2014 में एक अन्य स्थान पर मुठभेड़ में सीधे तौर पर शामिल था. वह 2018 तक वहां काम कर रहा था. इसके बाद वह हिमाचल प्रदेश (  Himachal Pradesh) में रहकर अपनी आजीविका कमाता था. वह वहां ज्यादा सक्रिय नहीं था.

अंजू जाले 2007 में नक्सली आंदोलन में भरती हुई. शुरुआत में वह गढ़चिरौली जिले के टिपागड दलम के कमांडर दिनकर की सहयोगी के रूप में काम करने लगीं. दूसरे वर्ष में उसका तबादला राही दलम में कर दिया गया. वह 2009 तक वहां काम कर रही थीं. बाद में उसने 2010 से 2012 तक अबुजमाड़ इलाके के घमंडी गांव में जनताना सरकारी स्कूल में शिक्षिका के रूप में भी काम किया. 2012 में, उसे कंपनी नंबर 10 में स्थानांतरित कर दिया गया. उसने 2013 तक वहां सदस्य के तौर पर काम किया.

2013 से 2018 तक उसने ओडिशा(Odisha) में प्रेस टीम में हिंदी और गोंडी भाषा में टाइपिस्ट के रूप में काम किया. वह 2012 में गढ़चिरौली जिले के लाहेरी और 2013 में ओडिशा के उदंती में हुई झड़पों में शामिल थी. पुलिस ने बताया कि दोनों ने 2016 में शादी कर ली. महाराष्ट्र सरकार ने असिन पर 6 लाख रुपये और अंजू पर 2 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी. 2022 से अब तक 29 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं.

होगा बडे अंतरराज्यीय नेटवर्क का खुलासा: पुलिस अधीक्षक

असिन और अंजू के आत्मसमर्पण से नक्सलियों के अंतरराज्यीय कनेक्शन का खुलासा होगा. असिन हरियाणा और ओडिशा में सक्रिय था. उसकी पत्नी भी सक्रिय थीं. गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल के मुताबिक, इससे यह जानने में मदद मिलेगी कि देश के विभिन्न हिस्सों में नक्सली आंदोलन का नेटवर्क किस तरह से काम कर रहा है.

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