चार नक्सलियोंने किया सरेंडर

1449

गडचिरोली,ता.३: जिला पुलिस और सेंट्रल रिजर्व फोर्स(CRPF) के सामने आज चार नक्सलीयों ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसमें एक डिवीजनल कमेटी का सदस्य, एक एसीएम और दो दलम सदस्य शामिल हैं. अशोक पोचा सडमेक उर्फ बालन्ना उर्फ चंद्रशेखर(६३), वनिता दोहे झोरे(५४), साधू लिंगू मोहंदा उर्फ शैलेश उर्फ समीर(३०) और मुन्नी पोदिया कोरसा(२५) ऐसे आत्मसमर्पण करनेवाले नक्सलियों के नाम हैं. अशोक सडमेक और वनिता झोरे और साधू मोहंदा और मुन्नी कोरसा पति-पत्नी हैं. अशोक और वनिता नक्सल आंदोलन के वरिष्ठ कैडर हैं.

अशोक सडमेक अहेरी तहसील के अर्कापल्ली गांव का मूल निवासी आहे. वह नक्सलियों के टेक्नीकल टीम का डीव्हीसी था. १९९१ में वह अहेरी दलम में शामिल हुआ. उसके बाद मध्यप्रदेश के ताडा दलम और गडचिरोली जिले के अन्य दलममध्ये उसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उसके उपर ८२ अपराध दर्ज हैं. सरकार ने उस पर १६ लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

वनिता झोरे एटापल्ली तहसील के कोरनार की मूल निवासी है. १९९३ में वह एटापल्ली दलम में शामिल हुई. विभीन्न दलम में काम करने के बाद वर्तमान में तकनीकी समिति में एसीएम के रूप में काम कर रही थी. उसपर ११ अपराध दर्ज हैं और सरकार ने ६ लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

साधू मोहंदा भामरागड तहसील के तुमरकोठी का निवासी है. २०११ में वह जनमिलिशिया के रुप में भर्ती हुआ. फिलहाल वह प्लाटून नंबर ३२ का सदस्य था. उसपर ४ अपराध दर्ज है और सरकारने उसपर ४ लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

मुन्नी कोरसा छत्तीसगड राज्य के सुकमा जिले के सिलिगेर गांव की निवासी है.२०१५ में वह बासागुडा दलम में भर्ती हुई. फिलहाल वह माड डिव्हीजन में जनताना सरकार की स्कूल में टीचर थी. उसपर कितने अपराध दर्ज है, इसकी जांच पडताल पुलिस कर रही है. सरकार ने उसपर २ लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

इस बीच, पुलीस अधीक्षक नीलोत्पल ने कहां है कि, जो नक्सली विकास में बाधाएं लाते हैं, उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा. जो लोकतांत्रिक तरीके से रहना चाहते हैं, पुलिस बल उनकी सर्वश्रेष्ठ मदद करेगा. २०२२ से अबतक ५० और २००५ से ६९५ नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here