गडचिरोली,ता.५: भोई-ढीमर समाज को ६ प्रतिशत आरक्षण दिया जाये, एनटी ‘बी’ श्रेणी में अन्य जातियों को शामिल न किया जाये, मछुआरा संगठनों को उनके ग्रामपंचायत के भीतर तालाब दिये जाये इत्यादि १२ मांगो को लेकर भोई-ढीमर(Fishermen) समाज और तत्सम जाति संगठनों ने शुक्रवार ४ अक्तुबर को गडचिरोली जिलाधीश दफ्तर पर विशाल मोर्चा निकाला.
इस मोर्चा में जिलें के १० हजार से जादा नागरिक शामिल हुए थे. संगठन के संयोजक कृष्णा मंचालवार, जिलाध्यक्ष प्रो.भाग्यवान मेश्राम, महिला जिल्हाध्यक्ष मिनाक्षी गेडाम, कार्याध्यक्ष सुनील बावणे, जिला उपाध्यक्ष सुधाकर गद्दे, सचिव किशोर बावणे, दुधराम सहारे, फुलचंद वाघाडे, परशुराम सातार, मोहन मदने, जयश्री जराते, रामदास जराते, लचम्मा पानेवार, प्रो.खेडकर, प्रो.गेडाम इन्होंने मोर्चा का नेतृत्व किया.
महाराष्ट्र राज्य में भोई-ढीमर समाज की संख्या सात से आठ प्रतिशत है. लेकिन यह समाज एनटी ‘बी’ में शामिल होने की वजह से उन्हे केवल ढाई प्रतिशत आरक्षण (Reservation) मिलता है. वह बढाकर ६ प्रतिशत किया जाये, मछुआरा संस्थाओं के पास तालाब नहीं होने से कई संस्थाओं की आर्थिक स्थिती खराब हुई है. इसीलिये ग्रामसभांओं को दिये गये तालाब मछुआरा संस्थांको मिले, ढीमर समाज के लाभार्थियों को घरकुल का कोटा बढाया जाये, भोई-ढीमर समाज अनपढ होने से उनके पास कई प्रमाणपत्र नहीं है जिससे वे शासन की विभिन्न योजनांओं का लाभ नहीं उठा सकते. इसीलिये सरपंच या पटवारी के प्रमाणपत्र पर उन्हे जाति और अन्य प्रमाणपत्र दिये जाये, न्या.रेणके आयोग की सिफ़ारिशे लागू करें इत्यादि मांगे की गई.
इस मोर्चे को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(CPM), शेतकरी कामगार पक्ष, आजाद समाज पार्टी, आदिवासी विकास युवा परिषद इत्यादि संगठनों ने समर्थन दिया था.